जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने विभिन्न कंपनियों द्वारा सीएसआर के अंतर्गत संचालित कार्यों की जिला कार्यालय सभागार में समीक्षा की।
जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत जनपद में सिस्टमेटिक ढंग से कार्य किए जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि कार्यो में किसी भी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो और डुप्लीकेसी रोकने, विभागीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य हेतु जनपद स्तर पर पोर्टल बनाया जाए। पोर्टल में सभी सम्बंधित विभागों के अपनी आवश्यकताएं अपलोड करने, कम्पनी को अपनी सीएसआर धनराशि राशि, योजनाएँ चयन का विकल्प भी होना चाहिए ताकि कार्यों में पारदर्शिता रहे, किसी भी प्रकार की डुप्लीकेसी न हो और सीएसआर कार्यों की भी निगरानी की जा सके।उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जब तक पोर्टल नहीं बन जाता तब तक के लिए सभी विभाग जिला विकास अधिकारी को डिमांड दे और कम्पनियां डिमांड के अनुसार ही डीडीओ से समन्वय करते हुए कार्य करें।
उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि गरीब एवं निःसहाय व्यक्तियों के कल्याण हेतु आपसी समन्वय व प्रभावी ढंग से कार्य करें।उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा, शिकित्सा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण के साथ ही सोलर एनर्जी के क्षेत्र में भी विशेष रूप से कार्य किए जाएं।
उन्होंने सीएसआर के अंतर्गत संचालित कार्यों की प्रतिमाह समीक्षा करने, कम्पनियों की लिस्टिंग करने तथा बैठक में समाज कल्याण व खेल विभाग को भी बुलाने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियो से समन्वय करते हुए कार्य चयन किए जाएं। रिवर फ्रंट डेवलपमेन्ट पर भी विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि सीएसआर के अंतर्गत वाटर कंजरवेशन कार्यों की भी मेपिंग की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरके सिंह, डीपीओ सुलेखा सहगल सहित विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि मानसी, नामदेव, अमित कुमार, सचिन नारायण, असगर अली, अरविन्द चौहान, साक्षी चौहान, संतोष भंडारी आदि उपस्थित थे।